आपने दिल्ली का ज़िक्र किया, इसलिए हिंदी में लिख रही हूँ।
घबराहट जायज़ है, पर कोई बात नहीं। मै उत्तर भारत की निवासी नहीं हूँ, तो मै आपकी परिस्थिति नहीं समझ सकती हूँ, पर यह पहली बार नहीं की जंग की घोषणा हुई है। खबरिया चैनलों से दूर रहिये, आपके ज़ेहनी सेहत के लिए अच्छी नहीं है। उन्हें इंसानियत की कोई कदर नहीं है। यह भी गुज़र जायेगा। वैसे भी हमारी वायु सेना सब कुछ रोक रही है। आख़िर, “वक़्त रहता नहीं कही टिक कर, आदत इसकी भी आदमी सी है।” -गुलज़ार
आपने दिल्ली का ज़िक्र किया, इसलिए हिंदी में लिख रही हूँ।
घबराहट जायज़ है, पर कोई बात नहीं। मै उत्तर भारत की निवासी नहीं हूँ, तो मै आपकी परिस्थिति नहीं समझ सकती हूँ, पर यह पहली बार नहीं की जंग की घोषणा हुई है। खबरिया चैनलों से दूर रहिये, आपके ज़ेहनी सेहत के लिए अच्छी नहीं है। उन्हें इंसानियत की कोई कदर नहीं है। यह भी गुज़र जायेगा। वैसे भी हमारी वायु सेना सब कुछ रोक रही है। आख़िर, “वक़्त रहता नहीं कही टिक कर, आदत इसकी भी आदमी सी है।” -गुलज़ार